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रिटायर आईएफएस अफसर बेलवाल की करतूतों का भांडा फूटा

मध्यप्रदेश में जिस तरह भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है,इसका एक और मामला सामने आया है। रिटायरमेंट के बाद सरकारी तंत्र में घुसपैठ कर आजीविका मिशन का सीईओ बने एलएम बेलवाल ने आजीविका मिशन को आपदा में अवसर बना लिया है। मिशन में अवैध नियुक्तियों से लेकर सामग्री खरीदी में करोड़ों का गोलमाल किया है। उत्तराखंड के मूल निवासी शातिर दिमाग इस आइएफएस ने मध्यप्रदेश को चारागाह बना लिया है। आरोप हैं कि मिशन में अवैध नियुक्तियां कर भारी भ्रष्टाचार किया है। अगरबत्ती मशीनों के क्रय में चालीस हजार की मशीनों को दो लाख से अधिक में क्रय कर करोड़ों का गोलमाल किया है। स्कूल ड्रेसो में भी भारी घोटाला किया गया है।
जांच में दोषी पाए गए...
एक शिकायत पर सीनियर आईएएस दिव्या मरव्या ने करीब एक साल पहले जांच की थी। जिसमें सीईओ बेलवाल,राज्य परियोजना प्रबंधक सुषमा शुक्ला, आइएएस प्रियंका दास, एनआईआरडी के निदेशक के विरुद्ध भादवि की धारा 420,467,468,120 बी सहित दस आपराधिक धाराओं के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध करने की अनुशंसा की है।
कोई कार्यवाही नही....
प्रशासनिक तंत्र में भ्रष्टाचार के जरिए तगड़ी पकड़ रखने के चलते बेलवाल का बाल बांका नही हुआ। बल्कि जांच को ही बड़े अफसरों ने दफन कर दिया। इस मामले को विधानसभा सत्र में भी विधायक त्रिपाठी के द्वारा उठाया गया। पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल भी ध्यानाकर्षण लगाया था। इसके बावजूद भी सरकार और अफसरों के कान खड़े नही हुए।
हाई कोर्ट में याचिका.....
आरटीआई कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार प्रजापति ने अब याचिका दायर की है।

न्यूज़ सोर्स : BP